हाउसवाइफ से बिजनेस वूमेन तक, घर बैठे आइडिया ने बदली जिंदगी, अब नाम और पैसा भी

रांची. कई लोग ऐसे होते हैं जो घर पर खाली समय को बर्बाद करते हैं और मौज मस्ती करते हैं. वहीं, कहीं लोग ऐसे भी है जो इस खाली समय को यूटिलाइज कर अच्छा खासा नाम भी कमा लेते हैं. इन्हीं में से एक है झारखंड की राजधानी रांची के अपर बाजार की रहने वाली शालिनी. जो आज बिजनेसवूमेन बन चुकी है.

शालिनी बताती हैं कि मैं हाउसवाइफ थी. पर घर में काम करने के बाद 5 घंटे खाली समय मिलते थे. ऐसे में लगा क्यों ना इस समय को यूटिलाइज किया जाए. मुझे आर्ट एंड क्राफ्ट बनाने का बड़ा शौक था. मुझे खुद भी झुमके पहने का बड़ा शौक है. पर मैं कभी मेटल के झुमके नहीं पाती थी, क्योंकि मुझे एलर्जी होती थी. तो मुझे लगा ऐसी कई महिलाएं हैं जो मेटल या फिर सोने का झुमका नहीं पहन पाती या इयररिंग्स नहीं पहन पाती उन्हें एलर्जी होती है.

मेटल से एलर्जी के लिए निकाला विकल्प
उन्होंने बताया, उनके लिए क्यों ना कुछ बेहतरीन विकल्प निकाला जाए. ऐसे में मैं कार्डबोर्ड और कपड़े को लेकर इयररिंग्स बनाना शुरू किया. छोटा सा कार्डबोर्ड लेकर उसमें सिल्क के कपड़े के ऊपर सुंदर कढ़ाई या मोती वर्क से काम होता है. हर दिन करीबन 20 से 30 पीस इयररिंग्स बना लेती हूं. कई बार तो ऑर्डर अधिक आता है तो रात में जागकर भी बनाना पड़ता है. अभी यूपी, बिहार और आसपास के राज्यों से भी ऑर्डर आते हैं.

साथ ही,लोग ऑनलाइन मंगा सकते हैं. अप्पर बाजार में मेरा खुद का शॉप है. तो रांची के लोग तो यही से शॉपिंग कर लेते हैं. साथ ही,एग्जीबिशन में मैं अपने स्टॉल जरूर लगाती हूं. यहां से मेरे कनेक्शन बहुत मजबूत होते हैं.एक इयररिंग्स की कीमत 150 से शुरू होती है, जो 500 तक जाती है.

लॉकडाउन में शुरू किया था काम
शालिनी बताती है, यह काम मैने लॉकडाउन 2020 में शुरू किया था. फिलहाल 4 सालों से यह काम कर रही हूं. जब शुरू किया था तब महीने की कमाई 500 और 700 ऐसी होती थी, लेकिन लोगों को प्रोडक्ट कितना पसंद आया कि आज अच्छा खासा ऑर्डर आता हैं. इस झुमके की एक और खास बात यह है कि यह पहनने में इतना हल्का है किसका वजन ना के बराबर है. इसलिए अब बड़े-बड़े झुमके या बड़े-बड़े इयररिंग्स 24 घंटे भी कैरी कर सकते हैं. इसलिए भी लोगों को यह काफी पसंद आता है.

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