पुरखों ने फुटपाथ पर बेचे थे गहने, मगर इस जौहरी ने धंधे को पहुंचा दिया आसमान पर, खुद अब अरबपति

Success Story: पीएन गाडगिल ज्वैलर्स लिमिटेड (PN Gadgil Jewellers Ltd) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सौरभ गाडगिल अब अरबपति बन गए हैं. वैसे तो उनका परिवार 192 वर्षों से इसी बिजनेस में है, मगर सौरभ गाडगिल ने कंपनी को नए लेवल तक पहुंचाने का काम किया. सितंबर में कंपनी के आईपीओ के बाद उनकी नेट वर्थ लगभग 1.1 बिलियन डॉलर (9,130 करोड़ रुपये) हो गई है.

47 वर्षीय सौरभ गाडगिल ने एक दशक से भी पहले अपने पारिवारिक बिजनेस की बागडोर संभाली थी, जो पुणे में स्थित है. एमबीए की डिग्री पुणे के सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी से पूरी करने के बाद उन्होंने कंपनी के साथ काम करना शुरू किया. 2012 में उन्होंने इसे एक प्राइवेट कंपनी में तब्दील किया और 2023 में इसे शेयर बाजार में लिस्ट कराने का काम किया. इसमें 1,100 करोड़ रुपये जुटाए. उनकी योजना महाराष्ट्र में नंबर एक ज्वेलरी ब्रांड बनने की है, और इसके बाद मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में विस्तार करके बड़े ब्रांड्स को कंपीटिशन देना है.

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गाडगिल ने अलग-अलग ग्राहक वर्गों के लिए नए सब-ब्रांड्स लॉन्च किए, नई शाखाएं खोलीं, ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म की शुरुआत की और ग्राहकों के लिए ‘पे-लेटर’ जैसे विकल्प दिए. इसके साथ ही, बॉलीवुड सितारों माधुरी दीक्षित, रवीना टंडन और सलमान खान को ब्रांड एम्बेसडर बनाया, जो महाराष्ट्र में उनकी 48 शाखाओं को प्रमोट कर रहे हैं. कंपनी ने नवरात्रि के मौके पर अपनी लिस्टिंग का जश्न मनाते हुए 9 दिन में 9 नए स्टोर खोलने की घोषणा भी की थी.

PN Gadgil Jewellers का इतिहास
PN Gadgil ब्रांड की शुरुआत 1832 में हुई थी. संस्थापक गणेश नारायण गाडगिल ने महाराष्ट्र के सांगली में फुटपाथ पर सोने के आभूषण बेचना शुरू किया था. समय के साथ यह बिजनेस बढ़ा और अगली पीढ़ी के हाथों में चला गया. संस्थापक के परपोते अनंत गाडगिल ने 1958 में इस बिजनेस को पुणे ट्रांसफर किया और PN Gadgil & Co की स्थापना की, जबकि सांगली शाखा परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा चलाई जाती रही.

शतरंज के खिलाड़ी हैं सौरभ गाडगिल
अनंत गाडगिल के पोते सौरभ गाडगिल राज्य स्तरीय शतरंज खिलाड़ी हैं. अपने LinkedIn प्रोफाइल पर उन्होंने लिखा है कि उन्होंने जीवन में हमेशा 30 कदम आगे की योजना बनानी सीखी. उन्होंने लिखा, “हर एक चाल को ऐसे खेलो मानो वो तुम्हारी आखिरी चाल हो – और इसे अपनी सबसे बेहतरीन चाल बनाओ – फिर जीत सुनिश्चित होगी.”

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कंपनी के मैनेजमेंट में सौरभ गाडगिल के साथ उनकी पत्नी राधिका, साले अमित वैद्य और चचेरे भाई पराग गाडगिल शामिल हैं. 2023-24 में इन चारों ने कुल 27.24 करोड़ रुपये का पारिश्रमिक लिया, जो कंपनी के कुल कर्मचारी खर्च का एक तिहाई और शुद्ध लाभ का 17.6% था. सौरभ गाडगिल ने अकेले 22.37 करोड़ रुपये लिए, जो इंडस्ट्री के मानकों से अधिक है. डोलाट कैपिटल मार्केट के रिसर्च डायरेक्टर सचिन बोबाडे के अनुसार, भविष्य में सौरभ का पारिश्रमिक उद्योग मानकों के अनुसार समायोजित किया जाएगा. PN Gadgil की संस्थापक परिवार की 83% हिस्सेदारी है, जिसे SEBI के नियमों के अनुसार तीन साल के भीतर 75% तक लाना होगा.

भारत का ज्वेलरी बाजार
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत का आभूषण बाजार लगभग 70 बिलियन डॉलर (5.80 लाख करोड़ रुपये) का था और 2028 तक इसके दोगुने से भी अधिक होने की उम्मीद है. सोने के आभूषण खरीदने के मामले में भारत, चीन के बाद दूसरे स्थान पर है और यह हीरे के लिए भी एक बढ़ता हुआ बाजार है. भारतीय न केवल आभूषण के रूप में सोना खरीदते हैं बल्कि निवेश के लिए सोने की छड़ें और सिक्के भी खरीदते हैं.

रिपोर्ट में सौरभ गाडगिल के हवाले से कहा गया, “भारतीय आभूषण इंडस्ट्री एक बड़े उछाल के कगार पर है. जैसे चीन में लक्जरी शॉपिंग का उफान आया, उसी तरह भारत में भी लक्जरी शॉपिंग में बढ़ोतरी होगी और आभूषण इसमें सबसे आगे रहेंगे.” हालांकि, भारत में संगठित आभूषण का कारोबार केवल 37% है, जबकि अधिकांश इंडस्ट्री छोटे खुदरा विक्रेताओं, कारीगरों और स्वतंत्र व्यापारियों के हाथ में है.

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