सागर. कहते हैं सफलता संसाधनों की मोहताज नहीं होती है, अगर किसी काम को करने की इच्छा शक्ति हो तो फिर राह में कितनी भी मुश्किलें आ जाएं कामयाबी मिलकर ही रहती है. ऐसा ही कुछ सागर के अंकित जैन ने भी कर दिखाया है, जहां उन्हें अपनी पढ़ाई के दौरान कई बाधाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाय उसे चुनौती के रूप में लिया. संघर्ष किया और सफलता हासिल करते हुए आबकारी उप निरीक्षक बन गए हैं.
अंकित के परिवार को यह खुशियां दिवाली के अवसर पर मिली हैं, इसलिए उनकी खुशियां इस मौके पर दोगुनी हो गई. जब उनकी पासिंग आउट परेड हुई तो पूरा परिवार इसका साक्षी बना. वंही बेटे ने जब अपनी कैप मां को पहनाई और चरण छुए तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े. मां ने अपने बेटे को सीने से लगाकर गर्व महसूस किया और उसे आगे बढ़ने का उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद दिया.
3 साल तक टीचर के रूप में काम किया
अंकित जैन ने 2019 में एमपीपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन ओबीसी आरक्षण की वजह से रिजल्ट अटक गया. फिर पिता का कोरोना की दूसरी लहर में दुखद निधन हो गया, पिता का स्वर्गवास होते ही आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया. अब परिवार की जिम्मेदारी अंकित के ऊपर आ गई. ऐसे में उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखने और परिवार को चलाने कोचिंग पढ़ाना शुरू किया. 3 साल तक इंदौर में कोचिंग पढ़ाई और अपना खर्च निकाला. 5 साल बाद 2024 जनवरी में उनके लिए खुशखबरी मिली, जब अंकित के हाथों में जॉइनिंग लेटर आ गया.
सागर पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग संपन्न
सागर की जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी में आज 58 आबकारी उपनिरीक्षक और तीन जिला आबकारी अधिकारियों का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद पासिंग आउट परेड की गई. इसमें सागर की बाहुबली कॉलोनी निवासी अंकित भी शामिल हैं. प्रशिक्षण के बाद उनकी जबलपुर के रूप में पहली पोस्टिंग हुई हैं. अंकित दो भाई बहन हैं, जिसमें वह सबसे बड़े हैं. उनके पिता देवेंद्र कुमार जैन गल्ला व्यापारी थे.
5 साल के इंतजार के बाद मिली खुशी
अंकित अपनी सफलता का श्रेय मां और परिजनों को देते हैं उन्होंने बताया कि पढ़ाई को निरंतर जारी रखने के लिए धैर्य की आवश्यकता होती है, क्योंकि 2019 से परीक्षा देने के बाद 5 साल तक में इसका इंतजार किया, एमपीपीएससी की तैयारी करने में 6 घंटे पढ़ाई करते थे. अंकित जैन ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान मैंने जो कुछ भी सीखा है उसको जमीन पर क्रियान्वयन करने की पूरी कोशिश करूंगा क्योंकि सरकार का भी यही प्रयास होता है कोई भी अधिकारी हो कर्मचारी हो वह जनता के बीच अच्छे से काम करें.
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FIRST PUBLISHED : October 29, 2024, 13:33 IST