छत्रपति संभाजीनगर: हर महिला का सपना होता है कि वह आत्मनिर्भर हो और अपना खुद का बिजनेस शुरू करे, ताकि वह अपने परिवार की आर्थिक मदद कर सके. आज हम आपको एक ऐसी ही महिला की प्रेरणादायक कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने न केवल अपना व्यवसाय शुरू किया, बल्कि आज उस व्यवसाय से कई अन्य महिलाएं भी अच्छी कमाई कर रही हैं. यह कहानी है ज्योति महेंद्र जावरस की, जो छत्रपति संभाजीनगर की निवासी हैं.
ज्योति ने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया. सबसे पहले, उन्होंने इस व्यवसाय की शुरुआत घर से की. बाद में, उन्होंने एक स्वयं सहायता समूह की स्थापना की. शुरुआत में उन्हें केवल 100 रुपये की बचत होती थी. फिर उन्हें महिला आर्थिक विकास निगम के बारे में पता चला, और उन्होंने अपने समूह के लिए वहां से ऋण लेने का फैसला किया. शुरुआत में उन्हें एक लाख रुपये का ऋण मिला, जिसमें से केवल 10 हजार रुपये उनके हिस्से में आए.
कर्ज लेकर शुरू किया बिजनेस
इस रकम से उन्होंने अपने व्यवसाय को बढ़ाने का निर्णय लिया. शुरुआत में, उन्होंने अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को रूई से बनी बत्ती बेचनी शुरू की, फिर बाजार में जाकर बेचने का फैसला किया. ज्योति के पति एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे, लेकिन ज्योति चाहती थीं कि उनके पति भी इस व्यवसाय में उनका साथ दें. इसलिए, उनके पति ने अपनी नौकरी छोड़ दी और दोनों ने मिलकर व्यवसाय को आगे बढ़ाया. शुरुआत में, उन्होंने साइकिल पर जाकर अपने उत्पाद बाजार में बेचना शुरू किया.
20 प्रकार की बनाती हैं वटी
धीरे-धीरे उनके प्रोडक्ट की मांग बढ़ने लगी. आज उनके पास 20 प्रकार की वटी उपलब्ध हैं और उनके उत्पादों की न केवल शहर में, बल्कि राज्यभर में भी भारी मांग है. इस व्यवसाय से उन्होंने एक अच्छा घर बनाया और अपने बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी इसी कमाई से उठाया. आज उनके साथ पांच महिलाएं काम कर रही हैं, और वे हर महीने औसतन 1 लाख रुपये कमा रही हैं.
पति के सपोर्ट से पाई सफलता
“इस बिजनेस में मेरे पति ने मेरा बहुत साथ दिया है. उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और मेरे साथ इस व्यवसाय में शामिल हो गए. आज हम दोनों इस बिजनेस को सफलतापूर्वक चला रहे हैं, और मुझे गर्व है कि हम दूसरों को रोजगार दे पा रहे हैं. मैं इसके लिए अपने पति की बहुत आभारी हूं,” उन्होंने लोकल 18 को बताया. उनकी यात्रा निश्चित रूप से दूसरों के लिए प्रेरणादायक है.
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FIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 15:08 IST