OLA के आईपीओ में पैसा लगाएं या नहीं? ये 4 बातें कर देंगी आपकी उलझन दूर

नई दिल्ली. ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ (OLA Electric IPO) कल यानी 2 अगस्त को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल जाएगा. इसके आईपीओ को लेकर चर्चाओं का बाजार काफी गर्म है. उम्मीद जताई जा रही है कि इसे अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा. हालांकि, कई रिटेल इन्वेस्टर्स के मन में ये सवाल भी जरूर होगा कि इस स्टॉक में पैसा लगाना सही होगा या नहीं? ओला प्रमुख रूप से एक कैब एग्रीगेटर है जिसने ओला इलेक्ट्रिक बनाकर ईवी के कारोबार में कदम रखा. 2021 से अब तक कंपनी 7 इलेक्ट्रिक टू व्हीलर बाजार में उतार चुकी है.

ओला इलेक्ट्रिक के आईपीओ में पैसा लगाएं या नहीं इसकी परख का एक आसाना और जाना-माना तरीका है कंपनी का SWOT एनालिसिस. S- स्ट्रेंथ, W- वीकनेस, O- ऑपर्च्यूनिटी और T- थ्रेट. इसकी मदद से देखने की कोशिश की जाती है कि कंपनी कितनी मजबूत या कमजोर है. साथ ही भविष्य में उसके लिए क्या संभावनाए हैं.

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स्ट्रेंथ
ओला की स्ट्रेंथ की पहले बात करते हैं. देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल का बाजार बढ़ रहा है. टू व्हीलर ईवी भी इस सेगमेंट का हिस्सा हैं और इसका भी बाजार बढ़ रहा है. ओला इस सेगमेंट की बड़ी कंपनियों में से एक है.

कमजोरी
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ कच्चे माल के लिए ओला की थर्ड पार्टी पर निर्भरता बहुत अधिक है. इसके अलावा कंपनी फिलहाल घाटे में है.

मौके
कंपनी के पास स्वेदशी होने का बेनिफिट है जिसका इस्तेमाल यह कर सकती है. कंपनी अपनी प्रोडक्शन कैपिसिटी बढ़ा सकती है. कंपनी नए जॉइंट वेंचर और रणनीतिक साझेदारी के जरिए बिजनेस बढ़ा सकती है.

जोखिम
कंपनी को इंडस्ट्री की दूसरी कंपनियों से मुकाबला करना होगा. कच्चे माल की कीमतें बढ़ने से प्रोडक्शन कॉस्ट भी ऊपर जा सकती है. जिसकी वजह से अगर कंपनी सेल प्राइस बढ़ाती है तो उसकी बिक्री पर असर हो सकता है.

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