TRAI New Rules: टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI ने मोबाइल सेवा में गुणवत्ता सुधारने को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जोकि टेलीकॉम कंपनियों को रास नहीं आ रहे हैं. ट्राई का कहना है कि अगर कोई टेलीकॉम कंपनी की तरफ से क्वालिटी स्टैंडर्ड को फॉलो नहीं किया जाता है तो इससे उन्हें मोटा जुर्माना भरना पड़ सकता है. पहले ये जुर्माना 50 हजार रुपए था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपए तक कर दिया गया है.
इसी बीच मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियों के संगठन COAI ने इसको लेकर नाराजगी जताई है. संगठन का कहना है कि इन नए नियमों से उनकी लागत बढ़ेगी. इसका असर कॉल और डाटा की कीमतों पर भी हो सकता है. सीओआई के महानिदेशक का कहना है कि ट्राई लगातार नए दिशा-निर्देश जारी करता रहता है, लेकिन कंपनी की समस्याओं के लिए कोई कदम नहीं उठाता है. हालांकि कॉल की गुणवत्ता उनके लिए भी काफी जरूरी है और इसके लिए संबंधित एजेंसियों से विमर्श करते रहेंगे.
मोबाइल कंपनियों का क्या है कहना?
मोबाइल कंपनियों के मुताबिक, अभी 5G सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिसके लिए काफी ज्यादा राशि खर्च करनी पड़ रही है. ट्राई का नया दिशा-निर्देश चिंताजनक है. पहले सेवा गुणवत्ता की रिपोर्ट तीन महीने में देनी होती थी, लेकिन अब इसे हर महीने सबमिट करना होगा.
ट्राई के नए नियमों के मुताबिक, अगर किसी जिले में नेटवर्क आउटेज होता है टेलीकॉम कंपनियां कनेक्शन की वैलिडिटी बढ़ाकर देगी और इसके लिए उन्हें एक्स्ट्रा पे नहीं करना पड़ेगा. लेकिन इस आउटेज की डेडलाइन 24 घंटे के लिए सेट की गई है. इसका मतलब यह है कि कोई नेटवर्क 24 घंटे तक ठप रहता है तो इसके लिए टेलीकॉम कंपनियों को इसका भुगतान करना पड़ेगा.
ऐसे में ये चीज साफ है कि इससे ग्राहकों को फायदा और टेलीकॉम कंपनियों को नुकसान होने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर कोई नेटवर्क 12 घंटे के लिए ठप रहेगा तो इसे 1 दिन के रूप में गिना जाएगा और कंपनियों की तरफ से ग्राहकों को 1 दिन की ज्यादा वैलिडिटी दी जाएगी.
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