Opinion: नौकरियों की बहार है तो क्यों है मारा-मारी? सरकारी आंकड़े तो सच्चे ही होंगे, भरूच की भीड़ झूठी!

नई दिल्ली. केंद्र सरकार और सरकारी संस्थाएं इस बात का दम भरते नहीं थक रहीं कि देश में नौकरियों की बहार है. यूं तो सरकारी आंकड़ों पर विश्वास किया जाना चाहिए, मगर अविश्वास तब पैदा होता है, जब चंद नौकरियों के लिए हजारों की तादाद में दावेदार अपना रिज्यूमे लेकर पहुंचते हैं. ऐसा ही एक नजारा गुजरात के भरूच में देखने के मिला. यहां केवल 10 प्राइवेट वैकेंसियां निकली थीं, मगर आवेदनकर्ता 50-100 नहीं, बल्कि 1,800 थे. प्राइवेट नौकरी के लिए भी अगर इतनी मारा-मारी मची है, तो सरकारी आंकड़ों पर अविश्वास जन्म लेता है.

पहले इस घटना के बारे में पूरा जिक्र कर लेते हैं, उसके बाद रोजगारी-बेरोजगारी से जुड़े कुछ आंकड़े भी खंगालेंगे. भरूच स्थित जघडिया में एक निजी कंपनी ने इंटरव्यू के लिए उम्मीदवारों को आमंत्रित किया. कंपनी को भी उम्मीद नहीं रही होगी कि लगभग 2,000 लोग आएंगे. उम्मीद रही होती तो इवेंट को बेहतर तरीके से मैनेज किया जाता. चूंकि भीड़ उम्मीद से अधिक थी, तो आवेदकों में धक्का-मुक्की होने लगी. कंपनी के बाहर बनी रेलिंग टूट गई और आवेदक नीचे गिर गए. अच्छी बात यह रही कि इस दुर्घटना में किसी को कोई विशेष चोट नहीं आई. कोई जान नहीं गई. नीचे वीडियो है, आप देख सकते हैं-

सरकार बोली- नौकरियों की बहार
कल, 13 जुलाई 2024 को, ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, “… रिपोर्ट के मताबिक, पिछले 3-4 वर्षों में, देश में लगभग 8 करोड़ नई नौकरियां उपलब्ध हुईं. इन आंकड़ों ने नौकरियों को लेकर भ्रम फैलाने वाले लोगों को चुप करा दिया है.” पीएम ने कल मुंबई के गोरेगांव उपनगर में सड़क, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्रों में 29,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखते हुए यह बात कही. दरअसल, पीएम मोदी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की एक हालिया रिपोर्ट का हवाला दे रहे थे. इससे एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और दो दिन पहले पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी भी इसी रिपोर्ट के हवाले से कह चुके हैं कि रोजगार बढ़ रहे हैं.

इससे दो दिन पहले ही भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने एक स्टडी जारी की, जिसमें यह दावा किया गया कि पिछले 10 वर्षों में (2014 से 2023) भारत में 12 करोड़ 50 लाख नौकरियां का सृजन हुआ है. यहां तुलना करने के लिए डॉ. मनमोहन सिंह नीत यूपीए सरकार के 10 वर्षों (2004 से 2014) तक का समय लिया गया. समझ सकते हैं कि 10 वर्षों की तुलना बीते 10 वर्षों से ही तो होगी. यह महज इत्तेफाक हो सकता है कि उन 10 वर्षों में दूसरे राजनीतिक दल पावर में थे.

SBI की यह रिपोर्ट RBI के आंकड़ों के आधार पर ही तैयार की गई थी. इसे तैयार किया था SBI के आर्थिक अनुसंधान विभाग ने. इस रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा गया कि अगर कृषि को छोड़ दें तो मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज में नौकरियों की ‘बहार’ रही है. कहा गया है कि 2014 से 2023 तक 8.9 करोड़ नौकरियां बनी हैं, जबकि 2004-2014 तक 6.6 करोड़ नौकरियां ही पैदा हुई थीं.

बेरोजगारी में गिरावट के सरकारी आंकड़े
आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के दिसंबर 2022 तक के उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि 2017-18 से 2022-23 तक बेरोजगारी दर 3.2% और 8.1% के बीच उतार-चढ़ाव करती रही. यह ऊपरी तौर पर गिरावट का रुझान दिखाता है. 2020-21 में इसमें उल्लेखनीय गिरावट आई है, संभवतः एक मैथोडोलॉजी में परिवर्तन के कारण. बता दें कि यह एक सरकारी आंकड़ा है, जिसे सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI) जारी करता है.

घरेलू सर्वे के आधार पर बेरोजगारी का आंकड़ा देने वाला सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आंकड़े कहते हैं- अप्रैल 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी 23.50% के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई थी. तब से, इसमें गिरावट का रुझान दिखा है, जो सितंबर 2022 में 6.40% के रिकॉर्ड निचले स्तर पर थी. हालांकि, ताजा डेटा में दिखता है कि बेरोजगारी में बढ़ोतरी का रुझान है. जून 2024 में बेरोज़गारी दर 9.2% पर होगी, जोकि 8 महीने के उच्चतम स्तर होगा. चूंकि CMIE की रिपोर्ट जून से पहले की है तो इसलिए जून का आंकड़ा अनुमान पर आधारित है.

MSME के रजिस्ट्रेशन के लिए उपलब्ध एकमात्र सरकारी पोर्टल (उद्यम पंजीकरण पोर्टल) के आंकड़े कहते हैं कि मीडियम इंडस्ट्रीज़ में काम करने वाले लोगों की संख्या 20 करोड़ से अधिक पहुंच गई है. कहा गया है कि यह संख्या 2022-23 के 12.1 करोड़ नौकरियों के मुकाबले 66 प्रतिशत अधिक है. MSME में कार्यरत कुल कर्मियों में से 2.32 ऐसे करोड़ है, जो जीएसटी-फ्री छोटे उद्यमों में काम करते हैं, मगर रजिस्टर्ड हैं.

बेरोजगारी के रुझान: इंप्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024
युवा बेरोजगारी दर: 2000 में युवा बेरोजगारी दर 5.7% थी, जो 2019 में 17.5% तक बढ़ गई, फिर 2022 में 12.4% हो गई. इस कमी का मुख्य कारण महिलाओं की कार्यबल में बढ़ती भागीदारी है.

शहरी बनाम ग्रामीण बेरोजगारी: शहरी क्षेत्रों में युवाओं के बीच बेरोजगारी दर (17.2%), ग्रामीण क्षेत्रों (10.6%) की तुलना में अधिक है. इसके अलावा, छोटे युवाओं (15-19 वर्ष) की बेरोजगारी दर बड़ी उम्र के युवाओं (25-29 वर्ष) की तुलना में अधिक है.

शिक्षित बेरोजगारी: शिक्षा के स्तर के साथ बेरोजगारी दर बढ़ती है और ग्रेजुएट लोगों में यह दर 29.1% तक पहुंच जाती है. शिक्षित महिलाओं की बेरोजगारी दर उनके पुरुष समकक्षों की तुलना में अधिक है.

2008 से 2024 तक की बेरोजगारी दर

साल बेरोजगारी की दर
2024 9.2 (June 2024)
2023 8.003
2022 7.33
2021 5.98
2020 8
2019 5.27
2018 5.33
2017 5.36
2016 5.42
2015 5.44
2014 5.44
2013 5.42
2012 5.41
2011 5.43
2010 5.55
2009 5.54
2008 5.41
सोत्र – फोर्ब्स इंडिया की रिपोर्ट

कैसे कैलकुलेट होती है बेरोजगारी की दर
बेरोजगारी दर एक महत्वपूर्ण इकॉनमिक इंडीकेटर है, जिसे प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है. यह मौजूदा आर्थिक स्थितियों के आधार पर बदलता रहता है. जब आर्थिक मंदी के दौरान नौकरी के अवसर कम हो जाते हैं, तो बेरोजगारी दर बढ़ने की संभावना रहती है. इसके विपरीत, आर्थिक वृद्धि और समृद्धि के समय में, जब जनता के लिए नौकरियों के कई अवसर उपलब्ध होते हैं, तो बेरोजगारी दर में कमी की उम्मीद की जाती है.

भारत में वर्तमान बेरोजगारी दर की गणना करने का फॉर्मूला-
बेरोजगारी दर = बेरोजगार व्यक्तियों की संख्या / नागरिक श्रम शक्ति (Civilian Labor Force)
या,
बेरोजगारी दर = बेरोजगार व्यक्तियों की संख्या / (नौकरीपेशा व्यक्तियों की संख्या + बेरोजगार व्यक्तियों की संख्या)

क्या है बेरोजगार की परिभाषा

  • व्यक्ति की आयु कम से कम 16 वर्ष होनी चाहिए और वह पिछले 4 हफ्तों में फुलटाइम काम करने के लिए उपलब्ध हो.
  • उसे इस अवधि के दौरान सक्रिय रूप से (Actively) रोजगार की तलाश में होना चाहिए.
  • कुछ अपवाद भी हैं, जैसे वे लोग जो अस्थायी रूप से नौकरी से निकाले गए हैं और अपने पिछले कार्यस्थल पर फिर से शामिल होने के लिए सक्रिय रूप से प्रयासरत हैं.

(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi उत्तरदायी नहीं है.)

Tags: Contractual jobs, Government jobs, Unemployment Rate

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