‘गद्दार’ का बेटा कहने पर भड़के जावेद अख्तर, पिता पर लगे आरोप पर बोले- ‘आपके बाप-दादा अंग्रेज के…’

नई दिल्ली: जावेद अख्तर अक्सर देश और राजनीति से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय जाहिर करते हैं. गीतकार ने अगले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर ट्वीट किया, तो एक तबका उनकी और अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा के बारे में बुर-भला कहने लगा. जावेद अख्तर ने अब ट्रोल्स को करारा जवाब दिया है. उन्होंने इतिहास और राजनीति को लेकर लोगों की अज्ञानता की ओर ध्यान दिलाया.

जावेद अख्तर ने ट्वीट किया, ‘मुझे भारतीय नागरिक होने पर गर्व है और आखिरी सांस तक ऐसा ही रहेगा, लेकिन जो बाइडेन और मेरे बीच एक बात समान है. हम दोनों की अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनने की समान संभावना है.’ गीतकार की पोस्ट पर एक यूजर ने कमेंट किया, ‘आपके पिता ने सिर्फ मुसलमानों के लिए एक राष्ट्र पाकिस्तान बनाने में अहम भूमिका निभाई थी, फिर प्रगतिशील लेखन की आड़ में उन्होंने भारत में रहना चुना. आप गद्दार के बेटे हैं, जिसने हमारे देश को धर्म के आधार पर बांट दिया. अब आप कुछ भी कहें, लेकिन ये सच है.’

(फोटो साभार: X@Javedakhtarjadu)

जावेद ने यूजर पर पलटवार किया और उनके पोस्ट पर कमेंट किया, ‘यह तय करना मुश्किल है कि आप पूरी तरह से अज्ञानी हैं या पूरी तरह से बेवकूफ हैं. 1857 से मेरा परिवार स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल रहा है और जेल और काला पानी की सजा तब भुगती, जब आपके बाप-दादा अंग्रेज सरकार के जूते चाट रहे थे.’

जावेद अख्तर ने ट्रोल्स को सिखाया सबक
जावेद अख्तर से जब किसी ने मिशेल ओबामा के राष्ट्रपति बनने की संभावनाओं के बारे में पूछा, तो वे बोले, ‘मैंने पहले भी कई बार अपनी राय व्यक्त की है और अब भी इस पर कायम हूं कि एकमात्र व्यक्ति जो अमेरिका को ट्रम्प से बचा सकता है, वे मिशेल ओबामा हैं.’ यूएसए की पूर्व प्रथम महिला पर नस्लवादी तंज कसते हुए एक यूजर ने पूछा, ‘मिशेल आप उनसे प्यार करती हैं?’ जावेद ने पोस्ट का जवाब देते हुए लिखा, ‘यह आपके परिवार के लिए बहुत ही गैर-जिम्मेदाराना रवैया है कि उन्होंने आपको अभी तक किसी मैंटल हॉस्पिटल नहीं भेजा. यार, तुम बीमार हो और तुम्हें मदद की सख्त जरूरत है.’

जावेद अख्तर ने सिनेमा में दिया अहम योगदान
जावेद अख्तर 1970 के दशक में पटकथा लेखन के चलते खूब मशहूर हुए थे. फिल्म जगत में सलीम-जावेद की जोड़ी लोकप्रिय थी. उन्होंने कई कालजयी फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी, जिनमें शोले (1975), दीवार (1975) और जंजीर (1973) जैसी फिल्में शामिल हैं. वे कला और साहित्य में अपने योगदान के चलते साल 1999 में पद्म श्री, साल 2007 में पद्म भूषण और साल 2013 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हुए थे.

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