सोनचम्पा फिल्म ग्लोबल ताज इंटरनेशनल फिल्म समारोह के लिए हुई सेलेक्ट, कई विदेशी फिल्मों को दिया टक्कर

इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा में प्राथमिक स्कूली शिक्षकों की ओर से निर्मित “सोनचम्पा” नामक फिल्म को ग्लोबल ताज इंटरनेशनल फेस्टिवल के लिए चयनित कर लिया गया है. स्कूली छात्राओं के मासिक धर्म से जुड़ी हुई विसंगतियों को लेकर बनी सोनचम्पा फिल्म के ताज ग्लोबल इंटरनेशनल फिल्म समारोह में चयनित किए जाने से फिल्म से जुड़े हुए सभी लोग बेहद उत्साहित हैं.

फिल्म सोन चम्पा 15 से 17 नवंबर तक डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कैंपस में आयोजित हो रहे अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोह में शामिल होने के लिए चयनित की गई है. 17 नवंबर को सोनचंपा फिल्म की स्क्रीनिंग होगी.

कोलकाता में महिला सशक्तीकरण के लिए श्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड जीतने के बाद इस फिल्म से ढेर सारी उम्मीदें बनी हुई हैं. अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में यह फिल्म फ्रांस, अमेरिका, जर्मनी और दुनिया के दूसरे कई देशों से आने वाली फिल्मों के मध्य उल्लेखनीय स्थान बनाते हुए पुरस्कृत होगी. इस छोटी सी फिल्म के बड़ा विजेता बनने की उम्मीद है.

सोनचम्पा फिल्म को हाल में सितंबर माह में कोलकाता में आयोजित हुए एक समारोह में सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है. स्कूली बच्चियों में मासिक धर्म से जुड़ी हुई वर्जनाओं पर आधारित फिल्म  सोनचम्पा को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आयोजित चतुर्थ बेहाला अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में महिला सशक्तिकरण के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है.

कोलकाता में यह पुरस्कार फिल्म के निर्देशक और बेसिक शिक्षा विभाग के स्टेट रिसोर्स ग्रुप के सदस्य राम जनम सिंह को प्रदान किया गया है. इटावा के शिक्षकों की ओर से निर्मित और अभिनित बालिका स्वास्थ्य एवम शिक्षा पर आधारित फिल्म सोनचम्पा को समारोह में महिला सशक्तिकरण के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है. सोनचम्पा लघु फिल्म बंगाली फिल्म उद्योग के कई जानी मानी हस्तियों की ओर से सराही गई है.

फिल्म महोत्सव के जूरी अभिनेता और निर्देशक नीलाद्री लाहिरी, निर्देशक सुमंत  बंदोपाध्याय और लेखक निर्देशक भास्कर सान्याल ने महोत्सव में आई देश विदेश की तमाम फिल्मों में सोनचम्पा को महिला सशक्तीकरण के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म के रूप में चुना था. सोनचम्पा फिल्म ने वह मुद्दा उठाया है जिस पर प्रायः बात नही होती और कई वर्जनाओं तथा मिथकों के कारण बालिकाएं अपनी पढ़ाई में पिछड़ जाती हैं.

स्वदेश कल्चरल बैनर तले सोनचम्पा नाम की इस लघु फिल्म का निर्माण इटावा जिले के बिरारी, दतावली और हड़ौली जैसे गांवो के अलावा ऐतिहासिक स्थल कालीवाहन, सुमेर सिंह का किला, टिक्सी मंदिर, विश्व प्रसिद्ध लायन सफारी आदि को स्थानों में सूटिंग की गई है.

सोन चम्पा फिल्म के निर्देशक प्राथमिक शिक्षक राम जन्म सिंह ने बताया कि इटावा में प्राथमिक शिक्षकों की ओर से निर्मित सोनचम्पा फिल्म को ग्लोबल ताज इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए चयनित किया गया है. यह इटावा के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. उन्होंने कहा कि उनकी फिल्म को जर्मनी और फ्रांस की फिल्मों के मुकाबले शामिल किया जाना ही एक बड़ी कामयाबी है.

सोनचम्पा फिल्म में डॉक्टर की भूमिका अदा करने वाली प्राथमिक शिक्षिका श्रीमती वीनश बताती हैं कि सीमित संसाधनों के बावजूद निर्मित की गई सोन चम्पा फिल्म को जिस तरह से कामयाबी दर कामयाबी मिल रही है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि उनका मिशन बेहतरीन है और इसीलिए कोलकाता के बाद अब सोन चम्पा फिल्म को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए चयनित किया गया है. उनको उम्मीद है कि उनकी फिल्म फ्रांस और जर्मनी की फिल्मों के बीच हर हाल में सम्मानित की जाएगी.

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