IC 814 Kandahar Hijack के बाद जब परेशान थे नसीरुद्दीन शाह, घटना को याद कर बताया- ‘इस्लामोफोबिया का डर था’

नई दिल्ली: विजय वर्मा, पंकज कपूर और दीया मिर्जा स्टारर सीरीज ‘आईसी 814: द कंधार हाइजैक’ को बायकॉट करने की मांग बीते कुछ दिनों से उठ रही है. सीरीज के इर्द-गिर्द तमाम तरह की अफवाहें छाई हुई हैं. दरअसल, दर्शकों को सीरीज में दिखाए अपहर्ताओं के कोडनेम और कुछ दृश्यों से आपत्ति है. इस बीच, सीरीज के निर्माता, निर्देशक और कलाकारों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके तमाम सवालों और आपत्तियों के जवाब दिए. नसीरुद्दीन शाह से जब 1999 में हुई सच्ची घटना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने खुद पर हुए घटना के असर के बारे में बताया.

नसीरुद्दीन शाह ने उस दौर को याद किया, जब कंधार हाइजैक की घटना घटी थी. उन्होंने कहा, ‘मैं उस वक्त 50 साल का था. मैं बहुत परेशान हो गया था, क्योंकि इससे इस्लामोफोबिया की लहर उठ सकती थी. खुशकिस्मती रही कि तब ऐसा नहीं हुआ, लेकिन मुझे याद है कि मैं स्थिति को लेकर बहुत चिंतित था और सोच रहा था कि यह किस ओर ले जाएगा.’

डील होने के बाद असहज हो गए थे नसीरुद्दीन शाह
नसीरुद्दीन शाह ने आगे कहा, ‘जब पूरी आपदा को सुलझा लिया गया, तब आखिर में मेरे मन में द्वंद्व चल रहा था. जब डील पूरी हुई, तो मैं असहज था. मुझे नहीं पता कि ऐसा क्यों लगा, लेकिन महसूस किया कि पैसेंजर और पायलेट मुश्किल दौर से गुजरे थे.’ गौरतलब है कि आईसी 814: द कंधार हाइजैक देखने के बाद एक तबका सीरीज के कॉन्टेंट से नाराज है. सीरीज में नसीरुद्दीन शाह के अलावा विजय वर्मा, दीया मिर्जा, पंकज कपूर और अरविंद स्वामी ने अहम रोल निभाया है. सीरीज बीते कुछ दिनों से नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है.

नेटफ्लिक्स ने सीरीज के डिस्क्लेमर में किया बदलाव
दर्शकों को सीरीज में अपहर्ताओं के गैर-मुस्लिम नामों से आपत्ति है, जिसके चलते वे सीरीज को बायकॉट करने की मांग कर रहे हैं, हालांकि साल 2000 के विदेश मंत्रालय के एक नोट में घटनाक्रम का जो ब्योरा दिया गया है, उसमें बताया गया है कि अपहर्ताओं ने अपने कोडनेम बर्गर, शंकर, भोला और डॉक्टर रखे थे. शो पर विवाद उठने के बाद नेटफ्लिक्स ‘डिस्क्लेमर’ अपडेट करने को राजी हो गया, जिसमें अपहर्ताओं के असली नामों का जिक्र है. नेटफ्लिक्स ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों से मिलने के बाद यह निर्णय किया गया, जिन पर नई सीरीज में तथ्यों को गलत तरीके से दिखाने का आरोप है. नेटफ्लिक्स इंडिया की अधिकारी ने बताया कि साल 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 के अपहरण से जो दर्शक परिचित नहीं हैं, उन्हें बताने के लिए डिस्क्लेमर में अपहर्ताओं के असली और कोडनेम को शामिल किया गया है. सीरीज में कोडनेम सच्ची घटना के वक्त इस्तेमाल में लाए गए थे.

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