एंजेल टैक्स.. 12 साल से चली आ रही थी 30% की वसूली, खत्म हुआ कांग्रेस राज का कर

हाइलाइट्स

बजट 2024 में एंजल टैक्स को खत्म करने का फैसला लिया गया.स्टार्टअप को विदेश से मिलने वाली फंडिंग पर यह टैक्स लगता था.30% के इस टैक्स का स्टार्टअप बॉडी विरोध करता आया था.

नई दिल्ली. आम बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई ऐलान किए. उनमें से एक अहम घोषणा थी एंजेल टैक्स को खत्म करने की. इनकम टैक्स, जीएसटी, एक्साइज ड्यूटी के बारे में कई लोग जानते हैं. लेकिन, एंजेल टैक्स के बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है. हालांकि, यह टैक्स आम आदमी को प्रभावित नहीं करता है बल्कि युवा उद्यमियों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ था. साल 2012 में तत्कालीन मनमोहन सरकार ने एंजेल टैक्स लगाया गया था. हालांकि, उस वक्त एंजेल टैक्स लगाने का मकसद, मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना था. लेकिन, स्टार्टअप इस टैक्स को अपनी तरक्की में बड़ी बाधा मान रहे थे. बजट में वित्त मंत्री ने कहा कि स्टार्टअप इकोसिस्टम में इनोवेशन की जरूरत है और इस बात को ध्यान में रखते हुए एंजल टैक्स को खत्म करने का फैसला लिया गया है.

बजट के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि सभी श्रेणी के निवेशकों के लिए एंजल कर को समाप्त करने से उद्यम पूंजी निवेशक और अन्य स्टार्टअप में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के किसी भी मामले का मौजूदा कानूनी व्यवस्था के जरिये ध्यान रखा जाएगा.

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क्या था एंजेल टैक्स

जब कोई स्टार्टअप विदेश से कोई इन्वेस्टमेंट हासिल करता है तो उस निवेश को अन्य माध्यम से होने वाली आय मानते हुए उस पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता था, इसे एंजल टैक्स कहा गया. जब भी कोई स्टार्टअप अपनी फेयर वैल्यू से जितनी ज्यादा फंडिंग एंजल इन्वेस्टर से जुटाता है, उस पर एंजल टैक्स वसूला जाता था. युवा उद्यमी और स्टार्टअप बॉडी इसलिए इस टैक्स का विरोध करती रहीं. बजट में एंजल टैक्स को समाप्त करने के बाद जानकारों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से स्टार्टअप को फंड जुटाना आसान हो जाएगा. वे इनोवेशन पर ज्यादा पैसा खर्च कर सकेंगे.

क्या फायदे होंगे

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा से विशेष बातचीत में कहा, ‘‘इस एंजेल टैक्स को हटाने से देश में स्टार्टअप परिवेश को बढ़ावा मिलेगा. वह संबंधित इकाइयों से आग्रह करेंगे कि कृपया आगे आएं और निवेश करें क्योंकि देश आपके निवेश, पहल और इनोवेशन की प्रतीक्षा कर रहा है.’’ यह पूछे जाने पर कि एंजल कर को हटाने के बाद निवेशक कोष के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका है, इससे कैसे निपटा जाएगा, उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई उल्लंघन पाया जाता है या पता चलता है कि कोष ‘अघोषित’ स्रोतों से आया है, तो इसमें प्रावधान हैं संबंधित कानून के तहत इसका ध्यान रखा जाएगा.

सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि सरकार का एंजल कर हटाने का कदम वास्तव में स्टार्टअप और एंजल निवेशकों को भी इन निवेश के लिए प्रेरित करेगा और इससे देश को मदद मिलेगी.

(भाषा से इनपुट के साथ)

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