लेडीज़, नौकरी लगते ही नया क्रेडिट कार्ड लिया, अब कर्ज में डूब गईं? छह तरीकों से जंजाल से निकलें

credit card dues, credit card bill payment: क्या आप किसी बैंक या वित्तीय संस्थान का एक या एक से अधिक क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करती हैं? क्या आप हर महीने ड्यू डेट पर इसका पूरा बिल एकमुश्त रकम के साथ चुका देती हैं? यदि पहले सवाल का जवाब हां में है और दूसरे का जवाब न में है तो आप एक मुसीबत की ओर बढ़ रही हैं. क्रेडिट कार्ड ‘प्लास्टिक मनी’ का वह रूप है जो संभलकर इस्तेमाल किया जाए तो वरदान है और लापरवाही के साथ प्रयोग में लाया जाए तो अभिशाप बन जाता है! यदि समय के साथ साथ क्रेडिट कार्ड ने आपको चमत्कृत करते हुए कर्ज के जाल में फंसा दिया है तो आइए समझें कि कैसे इस जाल से बाहर निकलें और यह क्यों जरूरी है:

1- क्रेडिट कार्ड अंधाधुंध इस्तेमाल आपको कर्ज के ऐसे जंजाल में फंसा देगा जिससे निकलना वक्त के साथ साथ बेहद मुश्किल होता चला जाएगा. तमाम सर्वे बताते हैं कि महिलाएं अब तेजी से वित्त और निवेश के अपने फैसले खुद ले रही हैं. वह इस बाबत सीख रही हैं और अपने जीवन में लागू भी कर रही हैं. अगर आपने हाल ही में कमाना शुरू किया है और क्रेडिट कार्ड भी ले लिया है तो यह अच्छी बात है लेकिन यह तभी तक अच्छी बात है जब आप इसकी कार्यप्रणाली और चक्र को समझ कर इस्तेमाल करना शुरू करें. एक क्रेडिट कार्ड 45 दिनों का ब्याज रहित लोन पीरियड देता है. इसमें स्टेटमेंट सर्कल के 30 दिन और बिल भुगतान करने के लिए 15 दिन की छूट अवधि शामिल होती है.

2- यह समझ लें कि क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान न कर पाने की स्थिति में आप सबसे अधिक इंट्रेस्ट रेट वाले लोन को दावत दे रही होती हैं. कार लोन, पर्सनल लोन और होम लोन पर लगने वाले ब्याज के मुकाबले इसकी दर बेहद ज्यादा होती है. इसलिए यदि आप सीसी पेमेंट फुल नहीं करती हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर (भारत में जिसे आमतौत पर सिबिल स्कोर भी कहा जाता है) को खराब करता है. इसका असर यह होता है कि वित्तीय संस्थान भविष्य में जरूरत पड़ने पर आपको लोन देते समय कई बार सोचेंगे और हो सकता है कि आपको लोन बेहद अधिक दर पर मिले या फिर परेशानी पैदा हो. अपनी कार्ड स्टेटमेंट को ध्यान से पढ़ें, फीस आदि पर गौर करें. यह डबल तो नहीं लगा दी गई है.. कोई कंपोनेंट ऐसा तो नहीं है जो आपने अवेल किया नहीं है लेकिन आपके बिल में दर्ज हो कर आ गया है? ऐसी कोई भी गड़बड़ दिखे तो बैंक से संपर्क करें, तुरंत.

3- यदि आप भुगतान की नियत तारीख तक हर महीने अपने क्रेडिट कार्ड के स्टेटमेंट में मेंशन बैलेंस का पूरा भुगतान कर देती हैं तो आपको कोई ब्याज नहीं देना होता. यदि आप बिल की कुछ ही रकम पे करती हैं तो बची राशि पर ब्याज देना पड़ता है. इसलिए इससे बेहतर होगा कि आप भुगतान की उस रकम को ईएमआई में बदलवा लें जो सर्वाधिक है. अमूमन हर क्रेडिट कार्ड बकाया राशि को ईएमआई में बदलने की सुविधा देता ही है. कई बैंक बेहद मामूली ब्याज दर या प्रोसेसिंग फीस के साथ देते हैं.

4- दिनोंदिन बढ़ती जा रही आपकी अत्याधिक शॉपिंग, अक्सर बाहर रेस्टॉरेंट आदि में ही खाना पीना जैसी आदतें क्रेडिट लिमिट तो एक्जास्ट करती हैं. नतीजतन आपका बिल अधिक आता जाता है. ध्यान रखें हर वह स्वाइप जो आप क्रेडिट कार्ड से करती हैं, उसे आपको अंतत: उस बैंक को वापस देना है जिसने वह कार्ड आपको इश्यू किया है. आदतों में बदलाव लाकर, खर्चों को मैनेज करके, कैश और डेबिट कार्ड के अधिक इस्तेमाल से आप अपने दिमाग पर सकारात्मक लगाम लगा सकती हैं.

5- जहां तक संभव हो कम से कम क्रेडिट कार्ड रखें. इससे आपके ऊपर कम से कम वित्तीय भार पड़ेगा और आपको अच्छे से पता रहेगा कि कितना आप कार्ड से पे करती जा रही हैं. हर क्रेडिट कार्ड एक दूसरे से अलग अलग फायदे यानी ऑफर्स लेकर आता है. आपको ध्यान देना होगा कि आपके लिए कौन सा बेस्ट है, इसके लिए आपको नंबर ऑफ कार्ड नहीं बढ़ाने.

6- क्रेडिट कार्ड बिल के लिए आप अपने अकाउंट से ऑटोमैटिक बिल पेमेंट का ऑप्शन भी चुन सकती हैं. हां, आपको यह ध्यान रखना होगा कि बिल पेमेंट की डेट के समय खाते में समुचित फंड हो. साथ ही यदि किसी टेक्निकल गड़बड़ या फिर सफर के दौरान या किसी आपातकाल में फंसे होने के चलते आप समय पर पेमेंट मैनुअली नहीं भी कर पाएंगी तो यह ऑटोमैटिकली हो जाएगी और आप मोटे ब्याज की मार से बच जाएंगी.

Tags: Business news, Credit card, Interest Rates, Loans against credit card, Poor money management skills, Women’s Finance

Source link