नई दिल्ली. 4 साल पहले देश के एक प्राइवेट बैंक की हालत इतनी खराब हो गई थी कि आरबीआई ने दखल देकर इसे डूबने से बचाया. भारतीय स्टेट बैंक ने इस निजी बैंक में हिस्सेदारी खरीदी और इसे अपने नियंत्रण में लिया. अब खबर है कि यस बैंक अपनी 51 फीसदी हिस्सेदारी बेच रहा है. हालांकि, बैंक ने ऐसी खबरों से इनकार किया है लेकिन इस खबर के सामने आने के बाद दुनिया की कई दिग्गज फाइनेंशियल फर्म ने यस बैंक में स्टैक सेल को लेकर अपनी रुचि दिखाई है. इनमें जापान और अबूधाबी समेत अन्य देशों के बैंक शामिल हैं.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, फर्स्ट अबू धाबी बैंक पीजेएससी ने उन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है कि वह यस बैंक में हिस्सेदारी के लिए किसी भी संभावित प्रस्ताव का मूल्यांकन कर रहा है. दरअसल 10 जुलाई को ब्लूमबर्ग ने इसकी जानकारी दी थी.
ग्लोबल फाइनेंशियल फर्म ने दिखाई रुचि
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यस बैंक में 50 फीसदी हिस्सेदारी को खरीदने के लिए जापान की मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप इंक और सुमितोमो मित्सुई फाइनेंशियल ग्रुप ने भी इंटरेस्ट दिखाया है. हालांकि, इस बारे में उन्होंने अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है. दरअसल इससे पहले खबर थी कि यस बैंक को 51 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी मिल गई है. लेकिन, बैंक ने ऐसी खबर से इनकार किया है.
4 साल पहले बुरे कर्ज बांटने के कारण यस बैंक पर आर्थिक संकट आ गया था. साल 2020 में भारतीय स्टेट बैंक ने यस बैंक को अपने कंट्रोल में लिया. हालांकि, एसबीआई, यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी धीरे-धीरे कम करता गया. लेकिन, अब भी 24 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ यस बैंक का सबसे बड़ा शेयरधारक बना हुआ है.
खबरों से शेयरों में आई तेजी
यस बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की खबरों के बाद इसके शेयरों में जबरदस्त तेजी आई. 5 जुलाई को यस बैंक का शेयर 10 फीसदी से ज्यादा चढ़ गया. हालांकि, बैंक की ओर से इन रिपोर्ट्स का खंडन करने के बाद शेयरों में उच्च स्तरों से गिरावट आ गई.
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FIRST PUBLISHED : July 11, 2024, 14:57 IST